तीज तिंयारी हळियो भारी आज अमाऊस आई रे।
सूबे ब़ेगा उठण री बारी खेत जावण री तियारी रे।
खोंन्दे हळियो कमर झोळियो सुबह बड़ी पियारी रे।
बुड़िये री बोली लागे पियारी किसोन री बात न्यारी रे।
झीणो झीणो बाजे ब़ायरो स़ुगन चौखा होया रे।
मीठा मीठा बोले बुड़िया कोयल मोर पपिया रे।
खेत पौचिया किरणो निकळी हळ जोतण ने आई रे।
चार हळ री जमी जोती माथे तावड़ तपियो रे।
मोटा मोटा बोळ किना टोकर जोर बजाया रे।
धन धोन सूं खेत भरिया मोठ बाजरी बढिया रे।
किसोनो री अरज विणती घर घर मंगळ होया रे।
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