एकर एक मिनक स़ैर गियो परो दिन स़ैंग फिरियो अन दोपारे री टेम भूख लागगी जेब में रुपियो एक नी अर रोटी खावणी। जणे बो होटल रे माई जा’न मेनेजर रे स़ोमी बैठ’न बातो करण लागो के में पचा रोटी खा जाऊ पछे पोणी पियु अन सो खा जाऊ जणो ई धापू कोनी मेनेजर आ बात स़ुण अन उन्ने खन्ने गियो। स़रत लगाई के स़ो रोटी खा ली जणो तो एक रुपियो ई नी देवणो अन नी खाई जणो दो सौ रोटी रा पईया देवणा। मेनेजर रोटियो मंगाई अन गिणण ढुकगो दस बीस तीस चाळी रोटी खाई जेड़े तो रुकियो ई कोनी के मेनेजर रसोइये ने केयो के रोटीयो जाडी आवण दे। रोटीयो जाडी हथाळी जेड़ी आवण ढुकगी तोई बोतो अस्सी रोटी खा गो। के मेनेजर देखियो के खा तो लेई है। के गीणती रे माइ हेर फेर करी अन के बो मिनख हाको कर दियो अन लड़ाई स़रू कर दिनी लड़ाई देख अन मिनख भेळा होया अन मिनको ने पुरी बात बताई जणो मिनख केयो के भाई हमे करणो काई है। जणे मिनख बोलियो के होयो जको तो हो गियो हमे म्हारे तो गिणती पाछी एक ऊ स़रू करो।