एकर एक कंजुस मिनक हरिद्वार गियो अन उठे देखियो के गंगा में स़िनोन करे जणो तो पया देवणा पड़े है। बो स़ुनियाड़ में जा परो अन स़िनोन कर अन लागो के एक पंडो देख लियो अन केयो के लो भाई स़िनोन करियो जणो दक्सिणा दे दो कंजुस केयो के लो जणो पछे तिलक दुजो करो मराज कूकू घरे भुलगा गंगा रे माई हाथ घाल अन माटी रो तिलक लगा अन केयो के है तो आ माटी पण कू कू कर अन मोनजे। कंजुस ई गंगा रे माई हाथ घाल अन एक डेडरो पकड़ अन केयो के मराज है तो ओ डेडरो पण पया कर अन मोनजो अन दक्सिणा ले लो।