एक ऐड़ी चीज, जिके में छोटी सी ओंख तो है पण देख नी सके- स़ूई


एक अंगुठो, चार ओंगळियों नसों में तोई खून नी है, केवे स़ैंग बेजोन म्हने, तोई आऊं में घणो काम-हाथो रा मोजा (दस्तोना)


गुलाब है म्हामें पण गुलाबी नी हूँ, जाम है पण ट्रेफिक जाम नी हूँ, फूल अर फळ दोई है नाम में म्हारे, पण म्हे हूँ एक मिठाई-गुलाब जामुन


30 मिनक अर दो लुगाईयों। इण दोयो में है घणी तागत, जटे तांई ऐ दोई है थोरे स़ाथे, थे घण्टो तांई लड़ सको हो- सतरंज


छोटो हूँ पण मोटो केलाऊं हूँ,  स़ैंग दिन धोळे तळाव में नहाऊं हूँ, देखन म्हने मुण्ड़े में आवे है पोणी- दही-बड़ा


गोळ हूँ पण दड़ी नी, पूंछ है पण पसु नी, पूंछ झेलन रमे टाबर, तोई म्हारा आंऊ नी आवे है- ढब्बू


ऊंट री बैठक, हिन्निये जेड़ी तेज चाल, बो कीयो जीनोवर है जिके रे नी पूंछ अर नी बाळ- डेडरो


तीन आखर रो म्हारो नाम, उल्टो-स़ीधो एक सम्मोन- जहाज


एक राती डब्बी में पीळा खाणा, खाणो में मोती रा दाणा- अनार


जिको करे हवा सुध्द, फळ देन जिको भरे पेट, मोनकों बणियो जके रो दुस्मण, तोई बो करे उपकार- दरखत


धन-दोलतऊं मोटी है आ चीज, सब चीजोंऊं उपर है आ, जिको पावे पण्डित बण जावे, इन पायो मूर्ख रह जावे- विद्या


चौकी माथे बैठी एक रोणी, माथे में आग बदन में पोणी- मेणबत्ती


जळ भरियो एक मटको, जिको है सबोऊं उचो लटकियो, पी लो पोणी है मीठो, नी है अंकेई खारो- नारेळ


राती हूँ, खाऊं हूँ स़ुखी घा, पोणी पीन मर जाऊं, बळ जावे तो आवे म्हारे खन्ने- आग


धोळो तन, हरी पूंछ, नी जाणे तो नानी ने पूछ- मूळी


चार आखर रो म्हारो नाम, टिमटिम तारा बणावण रो म्हारो काम, ब़्याव बधाणो सब बाळे म्हने बारो–बार- फुलझड़ी


कान घुमावे बंद होजाऊं, कान घुमावे खुल जाऊं, राखू हूँ घर रो ध्योन, आऊं हूँ सब रे काम, कोई बतावो म्हारो नाम- ताळो


आदि कटे तो गीत सुणाऊं, बीचु कटे तो संत बण जाऊं, अंत कटे तो स़ाथ बण जाऊं, पूरो कटे तो सबो रे मन भाऊं– संगीत


म्हनें उन्दो करनदेखो तो जवोन लागु हूँम, कोई न्यारो नी रेवे म्हूं टाबर, बूढा अर जवान- हवा


पग नी है तोई चालु हूँ, दोई हाथोंऊं आपरो मूण्डो पूछती रेवूं हूँ- घड़ी


लोह खीचू ऐड़ी तागत है , पण रबड़ म्हने हरावे है, घमियोड़ी स़ूई में पा लेवू हूँ, म्हारो खेल निराळो है- चुम्बक


भाटे माथे भाटो भाटे माथे पईया, बिनो पोणी रे घर बणावे, बो कारीगर केड़ो- कुळातरो


कान है पण बोळी हूँ, मुण्डो है पण चुप हूँ, ओंखियो है पण ओंधी हूँ, बतावो म्हें कुण हूँ-गुडिया


हरी ही, मन भरी ही, लाख मोती जड़िया है, राजाजी रे बाग में, दोसाला ओडियो उबी हूँ- मक्कियो


बिनो खायो, बिनो पीयो, सबो रे घर में रेवू हूँ, नी हसू अर नी रोऊ, घर री रूखाळी राखू हूँ-ताळो


काळो रंग है म्हारी सान, सबोने देऊं हूँ ग्योन, मासाब करे है म्हारे माथे काम, नाम बतान बणो महान- बोट (ब्लेक-बोर्ड)


टोपी हरी लाल दुसाला, पेट में अजीब लागी, दाणो री माळा- मिरच


माथो है, पूंछ है पण पग नी है, पेट है ओंख है पण कान नी है उना- स़ांप


स़ींग है पण घोनी नी, काठी है पण घोड़ी नी, ब़ीरक है पण कार नी, घण्टी है पण किंवाड़ नी- साईकल


एक राजा री अनोखी रोणी, पूंछ रे रस्ते पीवे है पोणी- दीयो