लख चोरासी रा छोटा टेसण, मोटा मिनक जमारा है
उण टेसण विसराम मिळेला, जटे सरणा स्याम तुम्हारा है।
अरे जड़खान की टेसण उपर, दुख दोरम की धारा जी
चार मास चौमासो बरसे, आठ मास सियाळो जी।
उदबुदखान की टेसण उपर, ज्यारा ऐड़ा जमारा है
पड़े तावड़ो तप मर जावे, अरे जीणा जीव हजारा जी।
अण्डखान की टेसण उपर, ज्यारा सफल जमारा है
अरे भूखा प्यासा बे मर जावे आठो फेर बे दुखियारा जी।
पिण्डखान की टेसण उपर, ग्यानी ग्यान विचार है
चार प्रकार रा चोर मोकळा, दो पगा का थोडा जी।
दो पगाऊं सारी परथवी चाले, ज्यामें साधु थोड़ा है
साधु माईनु हरिजन थोड़ा, ज्यामें बुध्दीमान गर थोड़ा जी।
लादूराम सतगरु म्हाने मिळिया, पका बंगळा वाळा है
गुजर गरिबी में कलिराम बोले, अरे तन-मन गुरु वारा जी।
लख चोरासी रा छोटा टेसण, मोटा मिनक जमारा है