वारी जावो बलिहारी जावो आज मंगळा गावो
आज रिखो रे ओंगणे मोतियों रा चौक पूरावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
पेली सिंवरो मात पिता गरु,महाधर्म ने सीस नमावो
चांद सूरज साख भरे भाई, ऐड़ा मंगळ पाठ पूरावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
पाठ पूरणा सुगंधी धूप, मंगळ कळस भरावो
पंचसील रा मेवा मिसरी, पोचूई भाव सरावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
जोत धूपु कर जोड़ करो, जगमग जोत जगावो
भावो सर पर मोन करावो निरभे वीणो बजावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
में चरणो रा चाकर थोरा, थाने सीस नवावो
अरज करे रिख रामचन्द्र, थाने चवर ढोलावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
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