ओंधा रे करम अक्ल रा हिणा, मत कर जोर जबराई रे सुरदा
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
कबीरो रे भगत जात जुलाहो, बणतो बेजो रोज रो
एक मन हो धणियो ने धाया, ज्यो रे रिग री बाळद लाया
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
रविदास रे जात रो जटियो, रंगतो चोम सदाई रे
एक मन हो धणियो ने धाया, कूण्ड में गंगा आई रे
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
इन्दर हो असवार गज पे बरसण वेळा आयो सुरदा
अळियो बरसे गळियो बरसे रंग मेलो में ई बरसे सुरदा
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई सेवा री वेळा सुरदा
सजना कसाई छुरी पनाई, हसिया बकरा भाई
सिर का बदळा लेणा देणा, इदकी रीत कियो चलाई
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
देवरे नहीं आऊ थोरा दरसण नहीं पाऊं, सेवा पूजा में तो ओंधो ने भळाऊ
दोई कर जोड़ माळी देवरिसी जी बोले, जणे ओंधे री ओंखियों खोलाई
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
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