उबी में सरवर तीर नेणा में बरसे नीर पियाजी
उबी में तो सरवर तीर।
परणी बसे पीर में रे पिया बसे परदेस
खानपान मेरा वन रा बिसरिया, तन बिन वस्तर बेस पियाजी ओ
उबी में तो सरवर तीर।
सोवू तोई मोऐ नीन्द नहीं आवे, सूता नहीं रे सवाय
विरह सतावे काळा नाग जिऊ, काळ खावे जिऊ खाय पियाजी
उबी में तो सरवर तीर, नेणा में बरसे नीर पियाजी।
लकड़ी जळकर कोयला भया रे, कोयला जळकर भई राख
विरह मोंडी ऐसी झड़ी रे, कोयला भया नहीं राख पियाजी
उबी में तो सरवर तीर।
रुप सरुप सोई आपरा रे, झुर रही विरह अनेक
रतना दासी सरण तुम्हारी, अबे थोड़ी दया देखि जी
उबी में तो सरवर तीर।
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