बड़ले री डाळी हिंडो मांडियो रे, गळे रे लगा दिनी भाई आग
लाग्यो रे हिंडोळो हरि रे नाम रो रे, जोगी राजा बे किसा अमरापूर जाय।
जटा रे बदाया हरि ना मिळे रे, हर कोई लेवे ना बदाय
जटा रे बदावे कोई वन में रिछड़ा जोगी राजा, बे किसा अमरापूर में जाय।
हाली रो लटको छोड दे रे जोगिया असल फकिरी धार
हे राख लगाया रे हरि ना मिळे रे, हर कोई लेवे रे लगाय
राख लगावे रे वन में घोड़िया रे बे किसा अमरापूर में जाय
हाली रो लटको छोड दे रे जोगिया असल फकिरी धार।
मूण्ड मूण्डाया हरि ना मिळे रे जोगी राजा, हर कोई लेवे रे मुण्डाई
चडे रे मूण्डे बेलड़िया बे किसे अमरापूर में जाय
हाली रो लटको छोड दे रे जोगिया असल फकिरी धार।
नहाया रे धोया रे हरि ना मिळे रे, हर कोई लेवे रे नहाय
जळ में नहावे ऐ तो मछलिया रे बीरा बे किसा अमरापूर में जाय
हाली रो लटको छोड दे रे जोगिया असल फकिरी धार।
गूफा रे खुदाया हरि ना मिळे रे, हर कोई लेवे रे खोदाय
गूफा रे खोदे वन उन्दरा रे बे किसा अमरापूर में जाय
हाली रो लटको छोड दे रे जोगिया असल फकिरी धार।
केवे रे कबीरसा धरमीदास ने रे, राम सिमरिया सुख पाय
लटको-लटको छोड दे रे जोगी राजा असल फकिरी धार।