हस-हस मीठो बोलणो रे हंसला, फेर मिलाला भाई नाय
नदी रे किनारे एक रुखड़ो, उबो करे रे विनास
पेला रे झड़ सी बीरा पानड़ा रे हंसा, पछे जड़ मूळ सू जाय
हस-हस मीठो बोलणो रे हंसला, फेर मिलाला भाई नाय।
पान झड़ंता बोलिया रे सुण सरवर म्हारी बात
अबके बिछड़िया नाय मिला रे भाई, दूर पड़ाला भाई जाय
हस-हस मीठो बोलणो रे, हंसला भाई फेर मिलाला भाई नाय।
हंसला आया खेत में जी मूर्ख मारण ने जाय
हटजा रे मूर्ख बावळा रे भाई, हंसराजा किणरो धन खाय
हस-हस मीठो बोलणो रे हंसला, फेर मिलाला नाय।
रतन तळाई जळ रही रे, हंस राजा बैठो आय
परीत पूराणी रे कारणे ओ चुग-चुग कंकर खाय
फेर मिलाला भाई नाय, हस-हस मीठो बोलणो रे हंसला
चोपड़ डारी चोवटे रे खेले संत विचार
दास कबीरो वटे रम रयो रे, अमरापूर रे माय
मीठो जग में बोलणो रे हंसला भाई फेर मिलाला नाय।
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