रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
थारो रामबाग फूला छाई रे, भव-भव रा फूल खिलेला
संतो रे च्यार चौरासी री क्यारी, ज्योरी खळको न्यारी रे न्यारी
दोनो भेळा जपियो स़रेला
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
मन रे माळी ने राखियो हाळी, पोणी रे भरे बा गोरी रखवाळी
दोई मुखिया जे ओण भरेला
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
एक कुंवा बागो रे माई, धोळा झीण लगाया रे माई
बोलो कुंवा से बाग पियेला रे भाई
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
मंसा रे माळण माळा रे पोवे, भर फूलड़ो री छाबो लावे
सिवजी रे अंग चडेला रे भाई
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
रामानन्द जी माळा रे दिनी, दास कबीरसा हेत कर लिनी
जो-जो घट-घट माळा फेरेला
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे