एकर एक गांव रे माई एक मिनक एक बोणिये रे घरे गियो हो। उठे जा’न स़ेठोणी ने हेलो करियो के पोणी पावो कनी। स़ेठोणी जी बारे आई पोणी रो लोटो लेन आई अर पुछियो के कठेऊ आया हो अर कांई जात है थोरी। मिनक केयो के म्हे तो सरगरा हो। स़ेठोणी जी केयो के थे थेट सरगरा हो भगोन रे घरू आयो हो। मिनक ने ठा पड़ गियो के स़ठौणी जी भोळा इज है। मिनक, हो म्हे तो भगोन रे घरु आयो हूँ। स़ठोणी जी बोळ्या के म्हारे हमार नणद बाई चल गिया हाँ। बे थोने मिळिया हाँ कन को मिळिया हाँ नी। मिनक केयो के मिळिया तो हाँ पण उवोरे कपड़े लते री अर खावण पीवण री कमी घणी है जको तंग घणा रेवे है। फाटोड़ा गाबा पेरे है अर म्हने केयो हो के थे जावो जणो म्हारे भोजाई ने केजो जको बे म्हारे वास्ते पूरो सम्मोन मेलेला। जणो म्हे थोरे खन्ने आयो हूँ। स़ठोणी जी आपरे घरमू नवा कपड़ा अर खावण पीवण रो स़म्मोन अर रुपिया दूजा उण मिनक ने दे दिया। बो मिनख ले परोन गियो परो। जेड़ेक स़ेठजी घरे आया। स़ठौणी जी सेठि ने दिन आळी बात केयी। के आज एक स़रगरा मिनक आया। म्हे उवोरे स़ाथे बाईजी रे वास्ते कपड़ा अर खावण-पीवण रो स़म्मोन मेलियो हो। स़ैठ केयो के केड़ा सरगरा आया हाँ। गेली सरगरा तो जात होवे है। थूं स़ैंग सम्मोन दे दियो हो। इयो करन स़ैठ ऊट लेन उण मिनक रे लारे गिया परा स़म्मोन पाछो लावण वास्ते। मिनक स़ठो ने आवता देखिया अर स़ोचियो के स़ैठ है तो स़ागेई अन हमे स़म्मोन तो पाछो ले जाई। बो मिनक एक खेळ्ड़ी रे माथे चड गियो। स़ैठ ऊट खेळ्ड़ी रे हेटे रोकन खेळ्ड़ी माथे चड अन ढुका। जेड़े बो मिनक ऊट रे माथे कूद परो अन ऊट लेन गियो परो। स़ैठ मूंडो उतारन पाछा घरे आया। स़ैठोणी जी पुछियो के स़रगरा मिळिया हाँ कांई थाने। स़ैठ केयो के मिळिया तो हाँ अर केयो के बाईजी रे आवण जावण वास्ते स़ाजन नी है जणो ऊंट देन आयो हूँ।
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