एकर एक डोकरी ही जकी बा एक टुटोड़े झुपड़े रे माई रेवती ही। एक दिन मेह ब़रतो हो। मेह रे माई डोकरी रो झुपड़ो छवतो घणो हो। डोकरी भगोनऊ अरदास करे के हे भगोन म्हने किन्नोई डर नी लागे है पण इण टपुकड़े रो डर घणो लागे है। आ बात झुपड़ी रे बारले पाऐ उबो सेर स़ुणली। सेर स़ोचियो के इने किन्नोई डर नी लागे है, पण टपुकड़े रो डर लागे है ओ टपुकड़ो कोई मोटो जिनोवर है। सेर आ बात स़ुणन ऊटू ना परोन जंगळ रे माई लुक गियो। अटियू एक कुम्हार रे गधो गमियोड़ो हो। बो कुम्हार गधे ने जोवण वास्ते जंगळ में गियो। के बिजळी री चमकऊ कुम्हार ने बो सैर रो ढुंड दिखियो। के कुम्हार स़ोचियो के गधो ईज है के जा’न सेर रो पूछ पकड़ियो। के स़ैर देखियो के टपुकड़ो के जिको आज आ गियो अन हमे म्हने मार देई है। के सैर उण कुम्हार ने लेन ना गियो। जेड़े बिजळी रो भळे चोनणो होयो अर के कुम्हार ने सैर दिखियो। कुम्हार रे इ धुजणी बड़गी, कुम्हार तो सेर रो पुछ छोड़न आगो पड़ गियो अन सेऱ ऊटू ऩा गियो।
सिक्सा – बिनो सोचियो कोई चीज ने मोनणेऊं हमेसा घाटो इज होवे है।