राजा करण सुबे री टेम में बेगा च्यार्र बजियो गरिबों ने सवा मण स़ोनो चोंदी, अर हिरामोतियो रो दोन करता। इयो करता करता एक दिन राजा करण मरग्या। बे स़रग लोक रे माई गिया। उठे देखे तो राजा करण रे वास्ते स़ोने चोंदी रा मेहल-माळिया अर हिरे मोतियोऊ थाळ भरियोड़ा पड़िया हाँ। राजा करण ए स़ैंग देखन भगोन ने पुछियो के ऐ इता सब कठू आया है। भगोन केयो के सब आपरा है जको दोन आप धरती माथे करियो हो बो सब आपने अठे पाछो मिळियो है। देखता देखता राजा ने भुख लागी। राजा भगोन ने केयो के भुख लागी है। म्हने खावण वास्ते रोटी जोईजे। भगोन राजा ने हिरे मोतियो रा थाळ हाथ में देन केयो के जिता खा सको हो उता खा लो। ऐ सब खावण वास्ते इज है। राजा करण केयो के ऐ म्हे हिरा मोती कीकर खा सकु हू। म्हने तो रोटी खावणी है। भगोन राजा ने केयो के थे इयाद करो धरती माथे किनेई रोटी खाड़ी ही। राजा मन रे माई स़ोच अन केयो के रोटी तो को खाड़ी नी पण स़ोने चोंदी रो दोन घणेई दियो हो। जणो भगोन केयो के हमे स़ोनो चोंदी दिया जणो सोनो चोंदी खालो। राजा भगोन ऊ अरदास कर’न भगोन रे खन्नु पाछा धरती माथे जावण री जिद्ध करी। भगोन राजा ने पाछा धरती माथे मेलिया जणो राजा करण मिनकों री सेवा चाकरी करी ही। मिनको ने धन दोलत री जगे माथे खावण पीवण री चीजो दोन करी।


सिकसा- कोई मिनक ने रोटी जिमाणी सबोऊ मोटो पुंन है।