च्यार भाई, बाप रियो कोनीं अर मां बूढी ही। बाप रे गियां पछे छोरा न्यारा होवण खातर ताफड़ा तोडण लाग गिया। रोज रोज री राड़ ऊं तंग आयोड़ी डोकरी एक दिन गांव रा दोय-च्यार समझदार पंचों ने बुलाया अर मकान ,खेत, बरतण भांडा अर बाकी स़गली चीजों रो बंटवारों कर दियो। च्यारु भाई राजी हुगिया।
आप आपरो सम्मोन च्यारु भेलो करणं लागा तो पंच बोलिया भाया एक चीज अजे न्यारी करणी रेगी है।
छोरा पूछियो कांई रेगी? पंच बोल्या मां। च्यारु एक दूजा को मुंडो देखण लागा अर बो केवे थु राखले अर बो केवे थु राखले। डोकरी मन में स़ोचियो के ऐ छोटा हा जणां लड़ता हा के मां म्हारी है, मां म्हारी है 
आज केवे है मां थारी है, मां थारी है। डोकरी उठन भगवान रा आळा रे मुंडा आगे बैठगी अर रोवती रोवती बोली-- हे सांवरा म्हनें हमे थु राखले।