एक बार मिनक रात रे अंधारे में एक जंगळ में जावतो। रात में उन्ने दिखियो कोनी अर बो एक बेरे में पड़ग्यो। उपर ऊं हेटो पड़ियो। बेरे में एक दरखत हो अर बो हेटो पड़ती टेम उने हाथ में एक टाळी झिलगी। बो टाळी झेलन टीरग्यो। बो दरखत रे नीचे देखियो तो नीचे च्यार साप बैठा हाँ अर ऊण टाळी ने दो उन्दरा बैठा कुटता हाँ। उण दरखत माथे एक मदमाखियों रो छतो हो। बो मिनक आ देखन दुखी होयो। जेड़े एक हाथी आयो अर बो जोरु ऊण दरखत ने हिलायो। दरखत हालियो जणे मिनक ने डर लागो। दरखत रे हालणे ऊं उण माखियो रे छते मेऊं स़ैत डूळन लागो अर स़ैत रो एक छोटो आन उण मिनक रे होटो माथे पड़ियो। स़ैत मिनक ने मीठो लागो अर स़ैत री दस बारे बुन्दो पड़ी अर बो मिनक उण स़ैत री मिठास में मदमस्त होग्यो। आपरा स़गळा दुख भूलग्यो। जेड़े भगौन आया अर लटकियोडके मिनक ने केयो के थू म्हारो हाथ पकड़ ले। म्हे थने बचा लू। बो मिनक स़ैत री मिठास में मस्त होयोड़ो केयो के एक बून्द भळे एक भळे इयो करतो-करतो खासो टेम हूगो। भगौन काया होन गिया परा। मिनक उटे ई फसियोड़ो रियो। केवण रो मतलब ओ है के जका इण में बतायोड़ा है की बो जंगळ संसार है, टाळी है जकी मिनक री उमर है जकी ने दो उन्दरा दिन रात कुतर रिया है। घमण्ड उण हाथी ने बतायोड़ो है जको संसार ने हिलावण री कोसिस करे है, स़ैत ने सांसारिक सुख बतायोड़ो है जके में मिनक सब दूख भूल जावे है। जिके रे कारण बो इण में फस अन रे जावे है।