आसा पूरी अणद भयो, अब आणद आयो रे
भव पुरबले रा भाग, म्हाने सतगरु समजाया रे।
ग्यान गुणा री बाळद लाया 2, सतगरु आया रे
स़ुगरा नर समज गिया भाई गाफल गोता खाया रे। 2…
अग्यानी ने सार समजावे सतगरु, सगुण नर समज पाया
सत सबदा रा मूंगा मोती, मे तो हिरदे पाया रे हे..…।
हिरा रा तो मेह बरे रे भाई 2, अग्यानी जीव तरसे रे
सतगरु जी म्हारा जांण लकावे, बे तो हिरदे भावे रे 2।
सतगरु सा जद मेहर करी, सार सबदा रा पाया रे
रामप्रकास जी अमर अवतारी, भक्त दीपाराम ने समजाया रे।
अणद भयो आसा पूरी अब आणद आयो रे.....
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