मायड़़ करे पुकार

वीर भोम रे टाबरा ने, मायड़़ करे पुकार
तड़के रा बारत बेटा! थे हो सिरजणहार।
म्हारो बड़को राणाजी हो कदे न पीठ दिखाई,
बां रो अमरियो हरिये घास री हस-हस रोटी खाई।
बोल बां री जे-जे कार बोलो बां री जे-जे कार
वीर भोम रे टाबरा ने मायड़़ करे पुकार।

घूमर छे नखराळी

ओ म्‍हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
घूमर रमवा म्‍हे जांवा
ओ रजरी घूमर रमवा म्‍हे जास्यां
ओ म्‍हानें रमता ने काजळ टिकी लादिया ऐ माँ
घूमर रमवा म्‍हे जावा
ओ रजरी घूमर रमवा म्‍हे जास्‍यां
ओ म्‍हानें रमता ने लाडूड़ो लादियो ऐ माँ
घूमर रमवा म्‍हे जास्‍यां

आओ सब मिळ ब़ाग लगावा

घर रे आगे घर रे लारे आवो सब मिळ रूंख लगावां
फल, सब्जी अर फूल लगावां, आवो सब मिळ ब़ाग लगावां।
हरियो-भरियो ब़ाग लगाके जन-जन रो मनड़़ो हरसावा,
हुवे वायुमण्डल सुध्द आपणो आवो रे मिळ ब़ाग लगावां।
इण हरियाला रूखों रे कारण बादळ स़लो मेह बरसावे,

चंदियो

हाथ में डांगड़ली चंदिया उबी स़ड़कों पड़ गयो रे
ओये म्हारा चंदिया धोको रे दियो रे।
दो दिन री जिंदगानी चंदिया उमर री बदनामी रे,
उमर री बदनामी रे
ओये म्हारा चंदिया धोको रे दियो रे।
मावड़ली ब़ेमिली रे चंदिया आडो मोचो ढाळे रे
आडो मोचो ढाळे रे

जमाना बदळ गिया

पेला चाँदी आळा रिपिया चलता था
हमे चले कागद आळा नोट जमाना बदळ गिया।
पेला स़ऊंजी सु बीनणी डरती थी
हमे डरे स़ऊजी आप जमाना बदळ गिया।
पेला पापाजी सु छोरा डरता था
हमे डरे पापाजी आप जमाना बदळ गिया।
पेला नणंदल सु भोजायां डरती थी

धरती धोरा री

आ तो सुरगा ने सरमावे, ई पर देव रमण ने आवे
ई रो जस नर नारी गावे, धरती धोरा री।
सूरज कण-कण ने चमकावे, चन्दो इमरत रस बरसावे,
तारां निरछावळ कर जावे, धरती धोरा री।
काळा बादळियां घरावे, बिरखा गुगरियां घमकावे
बिजळी डरती ओळा खावे, धरती धोरा री।

नव रे नेजा पोणी झड़े

नव रे नेजा पोणी झरे, पगड़ो री भीजे कोर म्हारा बीरा
जळ रे भेळा जळपिया, जळ सू तो केड़ी भरोत म्हारा बीरा
जळ रा प्याला ओळक लेणा हाँ..…
इण काया रे माई आंतड़ियो हेला पाड़ रोवे म्हारा बीरा
हरिजन आवे हिरामोल, नुगरा तो भर-भर जावे म्हारा बीरा

रंग-रंग रा फूल खिलिया

रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे
थारो रामबाग फूला छाई रे, भव-भव रा फूल खिलेला
संतो रे च्यार चौरासी री क्यारी, ज्योरी खळको न्यारी रे न्यारी
दोनो भेळा जपियो स़रेला
रंग-रंगिला फूल खिलेला, थारो हरियो बाग फूला छाई रे

म्हारा भवंरा रे

ऐ म्हारा भंवरा रे भाळ जोवे ने पग धरना रे (टेर)
उचे सरवर रो हंसा संगड़ो नी करणा
नीचे पड़ियोड़ा फळ लेणा रे म्हारा भंवरा रे
जोवे जमी पे पग धरणा रे.......…
गेरा सम्न्दर रो हंसला संगड़ो नी करणा
पाळ बैठे पग धोणा रे म्हारा भंवरा रे
जोवे रे जमी पर पग धरणा रे

म्हारो मन सत सबदा में लागो

मन रे, सारो जग लोभ में लागो
म्हारो मन लागो सत सबदा में मन रे...…
मन रे आ देह थिर नही, काची काया है मेरा भाई
मन रे आ देह राखी रेवे रे नहीं रे
ज्यो ढाळ में नीर जावे, जियो चली जाई रे।
मन रे, ओ जग सपनो है रे, सार सपने रो लक मेरा भाई

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