गरु रा वचना में दोरो हालणो

अरे भाई गरु रा वचना में दोरो हालणो
बेणो खाण्डा री धारा, धारा चुका ने अणिया मार सी।
पाच बळदा री गाडली, उजड़ खड़िया जावे
सुगरा मिळ जावे बाने सागड़ी, घेरने मारग लावे
अरे भाई गरु रा वचना में दोरो हालणो।
गरु लोभी चेलो लालची, रिळ-मिळ खेले डावा

थारी उमर रा दिन गीणियोड़ा

थारी उमर रा दिन गीणियोड़ा जावे लोभी जिवड़ा
मात-पिता रे थारो कुटुम्ब कबीलो
भाईड़ो री जोड़ी बिछड़ जावे लोभी जिवड़ा
रामजी ने भज ले रे।
चार दिनो री बन्दा चमक चानणी, फेर रे अंधारी राता आवे
लोभी जीवड़ला, राम जी ने भज ले रे।
थारा करमा से थु तो हंस बणन जावे

उबी सरवर तीर

उबी में सरवर तीर नेणा में बरसे नीर पियाजी
उबी में तो सरवर तीर।
परणी बसे पीर में रे पिया बसे परदेस
खानपान मेरा वन रा बिसरिया, तन बिन वस्तर बेस पियाजी ओ
उबी में तो सरवर तीर।
सोवू तोई मोऐ नीन्द नहीं आवे, सूता नहीं रे सवाय

भोमियाजी री भजन

हे थे म्हारे आईजो पावणा बाबा, भरिये बादरवे री रात भोमिया
गाय दुवाड़ू बाबा गोरकी, गुदळी रोन्दाऊ खीर भोमिया हो राज
भेस दुवाड़ू बाबा भुरकी रे दुध खोळाऊ थोरा पांव
पापी नुगरो ने धणियो मारजो रे राज भोमिया
सरफ सोने रा पागड़ा थोरे पीतळिया पिलांण बाबा

देवरिसी जी री सायळ

ओंधा रे करम अक्ल रा हिणा, मत कर जोर जबराई रे सुरदा
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा
कबीरो रे भगत जात जुलाहो, बणतो बेजो रोज रो
एक मन हो धणियो ने धाया, ज्यो रे रिग री बाळद लाया
छोड म्हारो हाथ देवरे जाणो, टळ जाई धूप री वेळा

हरजी भाटी री सायळ

सावण मास सुरंगो लागो, काळी रे कोंटळ मेस बर्रे
कर सिणगार कोमणी उबी, हरियो रे दामण धेन चरे
दादर मोर पपोया बोले, लीली रे कोंटी बोल करे
गायो री अरज सुणो इन्दर राजा, थे बरसिया म्हारो काम सरे ओ...…
भादुड़ो मास भलेरो आयो, कोयल मोर झिंगोर करे ओ

गुसाई जी री सायळ

सोवणी मूरत पियाळो हरपणा देवी सतजुग पार
झुझाळो रिखिया रो मारग, सत रो पावंडो देरीजे रे बाबा।
अनघड़  तिरथ बाबा, भाग माटी ने, जुड़ जावे चाकरी सू जांण
झुझाळो रिखिया रो मारग, अलख रो पावंडो देरीजे रे बाबा।
गोकळ रा रे कुळ थे तरपायो जो रे बाबा
थट जमना रे नाळ हो बाबा

गुसाई बधावो

वारी जावो बलिहारी जावो आज मंगळा गावो
आज रिखो रे ओंगणे मोतियों रा चौक पूरावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…
पेली सिंवरो मात पिता गरु,महाधर्म ने सीस नमावो
चांद सूरज साख भरे भाई, ऐड़ा मंगळ पाठ पूरावो
आज गोसाई बाबे रा अमर बधावो गावो हाँ...…

देव गुसाई

भला जागिया भाग झुझाळा जूना देव कहाया जी
अलख निरंजन देव गुसाई जग में आपरी माया जी।
आसोजा री बीज चानणी , मेळो भरीजे भारी जी
एकम वाळी रात बाबजी जमो जगावो थारो जी
सरवरिया री पाळ बैठके सगळा मळ-मळ नहाया जी
अलख निरंजन देव गुसाई जग में आपरी माया जी।

में तो लिनो सावंरे ने मोय

में तो लिनो सांवरा ने मोल, लिनो गिरधारी ने मोल
कोई केवे छाने, कोई केवे चोड़े, बाजे है गेरा-गेरा ढोल
माही री में तो लिनो सांवरा ने मोय।
कोई केवे मेंगो, कोई केवे सस्तो, लिनो है मनड़ा रे मोल
महिया में तो लिनो सांवरा ने मोल।

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