निनाणू रो फेर

एक बार एक राजा आपरे राज्य री सैर वास्ते निकळ्या। राजा घूमता-घुमता गाँव रे बारले पाड़े पुगग्या। उठे एक किसोन रेवतो हो। बो किसोन गरीब हो। जिके रे रेवण वास्ते स़करो घर नी हो। तोई बो आपरे टाबरो अर लुगाई रे साथे राजी-खुसी अर प्रेम ऊं रेवतो हो। राजा मन में विचार करियो के इण ख

इमोनदारी

एक बार एक गरुकुल रे माई छोरो री सिक्सा पुरी हूई जणे गरुजी चेलो ने केयो के थोरी सिक्सा पुरी हुगी है। अंत में थो सगळो ने एक परिक्सा देणी है। जिको इण परिक्सा में पास होवेला उने राजा साब आपरो राजगुरु बिणाई है। परिक्सा आ है के थाने रोजिना एक-एक ने नदी खने जाणो है। जिको नदी में देखो बो काम थोने करणो है

स़रग जात

एकर एक गोव रे माई एक मिनख एक बोणिये रे घरे गियो हो। उठे जा’न स़ेठोणी जी ने हेलो करियो के पोणी पावो तो। स़ेठोणी  जी बारे आई पौणी रो लोटो लेन आ’न पुछियो के कठैऊ आया हो हो अन काई जात है थोरी। मिनख केयो के सरगरा हो मेतो। स़ेठोणी जी केयो के थे सरगरा हो काई भगोन रे घरू आयो हो। मिनख ने ठा पड़ गियो के स़

गियोन

एकर एक चेलो गुरुजी ने पुछियो के गरुजी थे मिनको री भलाई करो हो। थोने इणु कांई मिळे है। गुरुजी चेले ने की नी केयो। दुजोड़े दिन दिनुगे गरुजी उण चेले ने अर एक दुजे चेले ने बुलायो। गरुजी  एके ने एक खाली बोरी झिला दी अर एक ने भरियोड़ी बोरी ऊँचा दिनी। दोयो ने केयो के जके रे खन्ने भरियोड़ी बोरी है, बो रस

थु राखले

च्यार भाई, बाप रियो कोनीं अर मां बूढी ही। बाप रे गियां पछे छोरा न्यारा होवण खातर ताफड़ा तोडण लाग गिया। रोज रोज री राड़ ऊं तंग आयोड़ी डोकरी एक दिन गांव रा दोय-च्यार समझदार पंचों ने बुलाया अर मकान ,खेत, बरतण भांडा अर बाकी स़गली चीजों रो बंटवारों कर दियो। च्यारु भाई राजी हुगिया।

राजा करण

राजा करण सुबे री टेम में बेगा च्यार्र बजियो गरिबों ने सवा मण स़ोनो चोंदी, अर हिरामोतियो रो दोन करता। इयो करता करता एक दिन राजा करण मरग्या। बे स़रग लोक रे माई गिया। उठे देखे तो राजा करण रे वास्ते स़ोने चोंदी रा मेहल-माळिया अर हिरे मोतियोऊ थाळ भरियोड़ा पड़िया हाँ। राजा करण ए स़ैंग देखन भगोन ने पुछि

चार ठग लुगाईयो

एक गांव रे माई तीन ठग लुगाइयों ही जको बे आवते जावते मिनकों ने ठगती घणी ही। एक दिन एक बारलो मिनक उठे आ गियो। बो ऊण लुगाइयों ने आगे जावण रो रस्तो पुछियो हो। जणे बे लुगाइयों केयो के रस्तो तो में बता देओ पण थने म्होरी बातों रो एक उतर देणो पड़ी है। जणो बो मिनक केयो के काई उतर देवणो है। लुगाइयों केयो क

सेर अर उंदरो

एकर एक सेर एक रुखड़े रे नीचे स़ुतो हो गेरी नींद रे माई। अटिनू एक ऊंदरो आयो जको सेर माथे चढ अन कुदण लागगो। कणोई पेट माथे अर कणोई पगो माथे। जेड़ेन सेर जागगो। सेर जागतो ई उंदरे ने पंजे रे माई पकड़ लियो। पकड़ियो अन के उंदरो सेर रे आगे विणती करण लागो के म्हने छडे दो कणोई म्हे थोरे काम आऊ हूँ। केई जेज

सेर अन खरगोस

एकर एक जंगळ रे माई एक सेर हो जको जंगळ रा जिनोवरो ने खावतो घणो हो। जणो जंगळ रा स़गळा जिनोवर भेळा हुन मीटींग करी ही। मीटींग कर अन सेर रे खन्ने गिया। जा’न सेर ने केयो के थे जंगळ रा राजा हो अर थे स़ैंग जिनोवरो ने इयो खावोला तो थोड़ाक दिनो रे माई जंगळ पूरो खाली हो जावेला, पछे थे किने खावोला। थे भूखऊं

बीरबळ री खीचड़ी

एकर अकबर बादसा घोसणा करी के जको मिनक पुरी रात नाडी रे माई बिनो कपड़ो उबो रे जाई है उन्ने बादसा ईनोम देई है। अठिने स़ियाळे रो टेम हो। कोई मिनक पोणी रे माई रेवण वास्ते तियार नी होया हाँ। एक मिनक रे रुपियो री अड़ी ही बो तियार हुगो। पुरी रात नाडी रे माई उबो रे गियो। अकबर बादसा मेहल में बुलायो। उण मिन

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