टपूकड़ो
एकर एक डोकरी ही जकी बा एक टुटोड़े झुपड़े रे माई रेवती ही। एक दिन मेह ब़रतो हो। मेह रे माई डोकरी रो झुपड़ो छवतो घणो हो। डोकरी भगोनऊ अरदास करे के हे भगोन म्हने किन्नोई डर नी लागे है पण इण टपुकड़े रो डर घणो लागे है। आ बात झुपड़ी रे बारले पाऐ उबो सेर स़ुणली। सेर स़ोचियो के इने किन्नोई डर नी लागे है,
- भळे पढो
- कोई सुझाव मेलो
हमार री टीपणी