टपूकड़ो

एकर एक डोकरी ही जकी बा एक टुटोड़े झुपड़े रे माई रेवती ही। एक दिन मेह ब़रतो हो। मेह रे माई डोकरी रो झुपड़ो छवतो घणो हो। डोकरी भगोनऊ अरदास करे के हे भगोन म्हने किन्नोई डर नी लागे है पण इण टपुकड़े रो डर घणो लागे है। आ बात झुपड़ी रे बारले पाऐ उबो सेर स़ुणली। सेर स़ोचियो के इने किन्नोई डर नी लागे है,

कुकड़ो अन पाडो

एकर एक कुकड़ो अन पाडो दोई धर्मभाई हाँ। रस्ते-रस्ते जावता जणो कुकड़े ने पाडो रोजिना हिंडा खाड़तो हो। एक दिन पाडे केयो के म्हे रोजिना थने हिंडा खाड़ू, आज थू मने हिंडा खाड़। कुकड़े केयो के म्हे तो भाई छोटो हू। थु म्हारे माथे किकर हिंडा खाई। पाडे केयो, के थु म्हारे नीचे नीचे ब़ै बोकर, म्हे मोन लेऊ के

स़रग जात

एकर एक गांव रे माई एक मिनक एक बोणिये रे घरे गियो हो। उठे जा’न स़ेठोणी ने हेलो करियो के पोणी पावो कनी। स़ेठोणी  जी बारे आई पोणी रो लोटो लेन आई अर पुछियो के कठेऊ आया हो अर कांई जात है थोरी। मिनक केयो के म्हे तो सरगरा हो। स़ेठोणी जी केयो के थे थेट सरगरा हो भगोन रे घरू आयो हो। मिनक ने ठा पड़ गियो के

बुद्ध जी

एकर एक गांव रे माई बुद्ध जी नोव रो मिनक रेवतो हो। जको भोळो इज हो। एकर बो स़ोचियो के मेळे हालो जको फिर अन आवो केई दिन हुगिया कठेई गिया ई कोनी हो। बो घरू निकळ गियो। ब़ेवतो-ब़ेवतो दोपारो री टेम हुगी अर तावड़ो ई घणो हो। बुधजी एक दरखत हेटे स़ू गिया। अटीनु एक नाई आयो जको बुधजी ने जोणतो हो। बो देखियो के

मुरख मिनख री कविता

एकर एक राजा आपरे दरबार में घोसणा करी के राजा ने एक कविता स़ुणावणी है। जके मिनक री कविता राजा ने पसंद आगी जणो राजा उने इनोम देवेला।आ बात स़ुण अन राजा रे दरबार में मोटा-मोटा कवि आया अन राजा ने आपरी कविताओं स़ुणाई राजा ने एक ई कविता पसंद नी आई। उण गांव रे माई एक मुरख मिनक रेवतो हो बो स़ोचियो के राजा

भोळो भगत

एकर एक भोळो मिनक सतसंग में गियो परो सतसंग में स़ुणियो के ओम नमो सिवा बोले जणो भगोन मिळे है।ओम नमो सिवा करतो-करतो खेत में गियो परो अन हळ ब़ावण ढुकगो। हळ एक ठुटिये में फस गियो हळ काडियो अन के खड़ड़ड़ अवाज आई के नमो सिवा तो भुल गियो अन खड़ खड़ करण ढुकगो के हळ खाडे में पड़ गियो के बोलियो हपंदा हो के

कोयलड़ी

डब डब भरिया कोयलड़ी थारा नेणूड़ा ए माँ2
भीअल सिदाई बाई सासरिये, हस बोल कोयल मजे बागा री।
इतरो रे जाडो माँ माताड़ी वाळो लाड ऐ माँ लाड ऐ माँ
कोयल सिदाई बाई सासरिये, हस बोल कोयल मजे बागा री।
इतरो रे जाडो माँ बाबोसा वाळो लाड ऐ माँ लाड ऐ माँ

बालम नखरालो

टिकट कटायो पाली रो बो जा पहुचियो अजमेर, बालम नखरालो।
फोन लगायो जैपर घंटी बाजी जैसलमेर 
बालम नखरालो।
हांरे बालम नखरालो , घूमियायो बीकानेर
बालम नखरालो।
देऊं ओलबो छेलो म्हांनें बातां सुं बिलमावे।
केऊं टीकी लियावणं रो रबड की टूंटी ल्यावे।

मां इस्कुल आळी मेडम घणी सतावे

माँ इस्कुल आळी मेडम घणी सतावे।
नवी-नवी पोथी मंगावे
कापी, पैन्सल, रंग रो डब्बो
फुट्टो अर रबड़ मंगावे
भारी थेलो मौरां ऊपर रोजीना टंगावै।
छोटी सी गळती पे ऊठ-बैठ कडवावे
घणो रे घणो पसीनो म्हने आवे
माँ इस्कुल आळी मेडम घणी सतावे।
घणो घर रो काम देवे

म्हारे ढोले रो चंग

म्हारे ढोले री चंग बाजे अळगोजे रे संग फागण आयो रे
रूख-रूख री नवी कूपळां गीत मीलण रा हमे गावे
बन ब़ागो मै काळा भंवरा कळी कळी ने हरसावे
म्हारे ढोले री चंग बाजे अळगोजे रे संग फागण आयो रे
गूंजे ढोलक ताळ मृदंग बाजे ढोले री चंग फागण आयो रे

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